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पं.राजेन्द्र गंगानी के कथक नृत्य ने जीता सबका दिल

लखनऊ 18 दिसम्बर। सरस्वती संगीत अकादमी का 21वां दीक्षांत समारोह एवं सरस्वती सम्मान 2024 का आयोजन बुद्धवार 18 दिसम्बर को गोमती नगर स्थित संत गाडगे ऑडिटोरियम में किया गया। श्वेता तिवारी के मंच संचालन में हुए समारोह में मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार पद्मश्री डॉविद्या बिन्दु सिंह और विशिष्ट अतिथि कस्टम एवं सीजीएसटी के एडिशनल कमिश्नर उग्रसेन धर द्विवेदी और दूरदर्शन उत्तर प्रदेश के कार्यक्रम प्रमुख आत्म प्रकाश मिश्र ने दीप प्रज्वलित कर समारोह की औपचारिक शुरुआत की। विशेष प्रस्तुतियों के अंतर्गत नई दिल्ली से आमंत्रित पंडित राजेन्द्र गंगानी का प्रभावी कथक नृत्य और मुम्बई के यशवंत वैष्णव के एकल तबला वादन ने शाम को परवान चढ़ाया। यह समारोह बिरजू महाराज कथक संस्थान की अध्यक्ष प्रोफेसर कुमकुम धर की अध्यक्षता में हुआ।

मुख्य अतिथि पंडित राजेन्द्र गंगानी ने सबसे पहले नटराज जी की आराधना “भस्म भूषण अंगन शिव” की जोशीली प्रस्तुति दी। कृष्ण लीलाओं पर आधारित कवित्व और ताल पक्ष की बंदिशों पर उनका नृत्य देखते ही बना। उन्होंने खासतौर से लखनऊ वासियों के लिए राजस्थानी ठुमरी “ऐसो हठीलो छैल मग रोकत है गिरधारी बनवारी” पर भाव पक्ष का शानदार प्रदर्शन कर आयोजन को यादगार बना दिया। अंत में उन्होंनेफतेह सिंह गंगानी के तबला वादन के साथ सुंदर जुगलबंदी पेश कर तालियां बटोरीं।

इस क्रम में यशवंत वैष्णव ने पद्म विभूषण ज़ाकिर हुसैन जी को तबले के माध्यम से श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने तीन ताल में विभिन्न घरानों के अंदाज को समेटते हुए गागर में सागर को समाहित किया। उन्होंने खासतौर से उस्ताद अल्ला रक्खा साहब और उस्ताद ज़ाकिर हुसैन जी के कायदे के अंदाज को पेश कर प्रशंसा हासिल की। इसके साथ ही उन्होंने पंजाबी घराने की पारंपरिक बंदिशों का चलन भी तबले पर स्वरित किया।

 अकादमी के प्रबन्ध निदेशकडॉश्रीकान्त शुक्ल की अगुआई में हुए सम्मान समारोह में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह गौ सेवा प्रमुख – नवल किशोर जीजयपुर के सुप्रसिद्ध सुरबहार वादक – डॉअश्विन एमदलवीबाराबंकी के किसान – पद्मश्री राम सरन वर्माहिमांचल प्रदेश राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयशिमला की कुलपति प्रोप्रीती सक्सेनानई दिल्ली निवासी जयपुर घराना के सुप्रसिद्ध कथक गुरु पंडित राजेन्द्र गंगानीवाराणसी के प्रसिद्ध शिक्षाविद् डॉप्रभु नारायण दूबेलखनऊ घराना के सुप्रसिद्ध तबला वादक खलीफा उस्ताद इल्मास हुसैन खाँलखनऊ की सुप्रसिद्ध लोकगीत गायिका – शशि लेखा सिंहलखनऊ के प्रसिद्ध साहित्यकार प्रदीप तिवारी ‘धवल‘ का सम्मान किया गया। इस अवसर पर सरस्वती संगीत अकादमी के निदेशक मंडल में शामिल आरती शुक्ला और प्रशांत शुक्ला भी उपस्थित रहे।

इस क्रम में अकादमी के स्टूडेंटस ने विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम भी पेश किये। समूह नृत्य शिव स्तुति और सती कथा में अक्षरा तिवारीअक्षिता सिंहसरमिष्ठा तिवारीतनिशा मिश्राअनिका पाण्डेअविका गोस्वामीश्रीशा रघुवंशीदीपांशी तिवारीअराध्या श्रीवास्तवइशिता ठाकुर ने प्रभावी भाव पक्ष का प्रदर्शन किया। इसके उपरांत सामूहिक ढोलक वादन सुनना श्रोताओं को रोमांचित कर गया। इसमें विवाहित महिलाओं के साथसाथ युवतियों ने ही नहीं पुरुषों और बालकों तक ने ढोलक वादन किया।

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