लखनऊ। 28 अगस्त
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक एक्शन मोड में हैं। लगातार लापरवाह डॉक्टर व कर्मचारियों पर कार्रवाई कर रहे हैं। सोमवार को डिप्टी सीएम ने कानपुर डफरिन अस्पताल में गर्भवती महिला को स्ट्रेचर न मिलने की घटना पर कड़ी नाराजगी जाहिर की। स्ट्रेचर न मिलने की दशा में पति गर्भवती पत्नी को गोद में लेकर इमरजेंसी तक गया। डिप्टी सीएम ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
कानपुर डफरिन अस्पताल की इमरजेंसी में पति गर्भवती पत्नी को गोद में लेकर भटकता रहा। इसका वीडियो वायरल हुआ। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने घटना को गंभीरता से लिया है। उन्होंने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि अस्पताल की प्रमुख चिकित्सा अधीक्षिका को जांच के आदेश दिए हैं। घटना के समय ड्यूटी पर तैनात दोषी चिकित्सकों व स्वास्थ्यकर्मियों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही करते हुए पूरी रिपोर्ट चार दिन में तलब की है। उन्होंने कहा कि विभाग में औषधियों व स्ट्रेचर इत्यादि उपकरणों की कोई कमी नहीं है। यदि किसी भी अस्पताल से ऐसी शिकायत प्राप्त होती है तो वहां के प्रशासनिक अधिकारियों की जिम्मेदारी निर्धारित की जायेगी।
चार डॉक्टर, सात कर्मचारियों का वेतन रोका
कानुपर देहात के जिला पुरुष चिकित्सालय की ओपीडी में समय पर डॉक्टरों की मौजूद न होने के प्रकरण पर डिप्टी सीएम ने बड़ी कार्रवाई की है। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के निर्देश पर अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक द्वारा चार चिकित्सकों एवं सात स्वास्थ्य कर्मियों का तत्काल प्रभाव से वेतन रोकते हुए स्पष्टीकरण तलब किया है। डिप्टी सीएम ने कहा कि मरीजों को इलाज मुहैया कराने व ड्यूटी में लापरवाही किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। यदि चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों की कार्यप्रणाली में सुधार नहीं हुआ तो शासन स्तर से कठोरतम कार्यवाही की जायेगी। उधर, बिजनौर सीएमओ कार्यालय में भारतीय किसान यूनियन के सदस्यों के प्रदर्शन को डिप्टी सीएम ने गंभीरता से लिया है। यूनियन के समस्त बिन्दुओं के संबंध में तीन दिन के अन्दर सीएमओ से रिपोर्ट तलब की है। उन्होंने इस प्रकरण में न्यायोचित कार्यवाही का आश्वासन दिया है। यदि कोई विभागीय अधिकारी व कर्मचाराी दोषी पाया जायेगा तो उनके विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जायेगी।