लखनऊ। प्रेम के इतने विविध रूपों को कुछ पन्नों या कहूं कि कुछ लाइनों में व्यक्त करना सचमुच अपने आप में अदभुत है। यह बात रविवार को यूपी सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने संगीता श्रीवास्तव सरगम के काव्य संग्रह ‘प्रेम— आदि से अनंत तक’ के लोकार्पण समारोह के दौरान कही। अल्पसंख्यक मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने रविवार को हिन्दी संस्थान में आयोजित सरगम—23 समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर बोलते हुए कहाकि हम प्रेम को सिर्फ स्त्री पुरुष के फ्रेम में ही देखते हैं लेकिन संगीता सरगम की ये पुस्तक हर मानवीय रिश्तों में गुंथे प्रेम की सार्थक अभिव्यक्ति है। इसके लिए पुस्तक की लेखिका बधाई की पात्र हैं। उन्होंने कहा कि लोग यह सवाल पूछ सकते हैं कि एक नेता का प्रेम से क्या संबंध है। उन्होंने कहा कि जिस नेता के जीवन में प्रेम नहीं है, वह राष्ट्र हित में जनता के लिए काम कर ही नहीं सकता। उसे देश से प्रेम करना ही होगा, तभी वह नेता जननेता बनेगा।
समारोह को आगे बढ़ाते हुए दुनिया भर में लोकप्रिय हास्य कवि सर्वेश अस्थाना ने इस पुस्तक की तारीफ करते हुए कहा कि इसमें प्रेम के लगभग प्रत्येक स्वरूप पर बात की गई है।विशिष्ट अतिथि अपर्णा यादव ने कहा कि प्रेम जीवन का सबसे महत्वपूर्ण अंग है। आज देश से प्रेम की सर्वाधिक आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि विश्व पटल पर भारत की पहचान आज नये रूप में आ रहे हैं, इसका कारण यह है की देश के प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने जनता से प्रेम करते हैं।
लोकार्पण समारोह की शुरूआत मुख्य अतिथि के दीप प्रज्ज्वलन से शुरू हुई। लोकार्पण समारोह में पुस्तक की लेखिका संगीता श्रीवास्तव सरगम ने अपनी पुस्तक लेखन के बारे में बताया। इसके बाद सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुरआत सरस्वती वंदना से हुई। समग्र श्रीवास्तव की महादेव वंदना ने समारोह में मौजूद सभी लोगों का दिल जीत लिया। इसके बाद रंगारंग समारोह ने रफ्तार पकड़ी और देश भर से आमंत्रित युवा कवियों ने अपनी रचनाओं से उपस्थित मेहमानों को अपनी अपनी सीटों पर बांध सा दिया। हिन्दी संस्थान का प्रेमचंद सभागार पूरे समारोह भर तालियों से गूंजता रहा। समारोह के अंत में आयोजक पंकज श्रीवास्तव ने समारोह में आये सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया। समारोह का संचालन वरिष्ठ पत्रकार विश्व गौरव त्रिपाठी ने किया।